Akshaya Patra फ़ाउंडेशन का संदृश्य वक्तव्य भोजन एवं शिक्षा के मध्य एक स्पष्ट सम्बन्ध स्थापित करता है। अपने संदृश्य की ओर पहले कदम के तौर पर फ़ाउंडेशन ने वर्ष 2000 में विद्यालयों में मध्याह्न-भोजन प्रदान करने की शुरुआत की थी। बाद में जब भारत सरकार द्वारा वर्ष 2003 में मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम को केन्द्र स्तर से अनिवार्य कर दिया गया, Akshaya Patra ने सरकारी विद्यालयों में पका हुआ भोजन प्रदान करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी की। पढ़ाई के दौरान भूखे रहने की स्थिति का मुकाबला करने के लिए सरकारी सहबद्धता में कार्य करना, संगठन के लिए एक स्वागत-योग्य प्रगति थी।
मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम के क्रियान्वयन में Akshaya Patra के साथ यह सार्वजनिक-निजी साझेदारी केन्द्रीय मध्याह्न-भोजन योजना के निम्नांकित छः उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रही है :
पढ़ाई के दौरान भूखे रहने की स्थिति का उन्मूलन
विद्यालयों में नामांकन में वृद्धि
विद्यालयों में उपस्थितियों में वृद्धि
जातियों के मध्य घुलने-मिलने को बढ़ावा देना
कुपोषण घटाना और,
महिला सशक्तिकरण
फ़ाउंडेशन, मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम के छः उद्देश्यों की पूर्ति किस स्तर तक कर पाया है उसके मूल्यांकन के लिए विभिन्न संगठनों ने प्रभाव अध्यन संचालित किए थे। संचालित किए गए प्रभाव अध्ययन इस प्रकार हैं :
सरकारी अध्ययन
राजस्थान में मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम का स्थिति विश्लेषण
कर्नाटक की अक्षरदसोह योजना पर रिपोर्ट