मध्याह्न-भोजन कार्यक्रम का क्रियान्वयन करने के दौरान, केन्द्र एवं राज्य सरकारें साथ-साथ कार्य करती हैं। केन्द्र सरकार, योजना के क्रियान्वयन के दौरान राज्य सरकारों द्वारा पालन किए जाने हेतु दिशानिर्देश जारी करती है। किन्तु कुछ राज्य सरकारों ने केन्द्रीय दिशानिर्देशों से भिन्न दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
कार्यक्रम की निगरानी करने, उसके प्रभाव का आकलन करने और केन्द्र व राज्य सरकारों को नीतिगत सलाह देने के लिए एक राष्ट्रीय दिशा-नियन्त्रक-सह-निरीक्षण समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत किए जाने पर कार्यक्रम अनुमोदन बोर्ड द्वारा आर्थिक सहायता रूपी केन्द्रीय मदद जारी कर दी जाती है।
कार्यक्रम की निगरानी के लिए राज्य-स्तर पर भी दिशा-नियन्त्रक-सह-निरीक्षण समितियों का गठन किया गया है। नोडल विभाग को उत्तरदायित्व लेने के लिए प्राधिकृत किया जाता है। कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी के लिए नोडल विभाग प्रत्येक जिला एवं प्रखंड (ब्लॉक) स्तर पर क्रियान्वयन प्रकोष्ठों का गठन करता है और एक-एक अधिकारी नियुक्त करता है।
जिन राज्यों में प्राथमिक शिक्षा की ज़िम्मेदारी पंचायतों/शहरी स्थानीय निकायों पर है वहाँ इस योजना के प्रभारी वही हैं।
निधि प्रवाह
राज्यों को भारत सरकार की ओर से निधि एवं खाद्यान्नों की आपूर्ति (केन्द्रीय मदद) स्वीकृत करने के लिए मानव संसाधन विकास मन्त्रालय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
खाद्यान्न प्रवाह
छवि स्रोत : योजना आयोग, भारत सरकार